Channel: Dr Ganpat Singh Rajpurohit
सरकार ने 70K पदों पर भर्ती की घोषणाएँ की है । इस साल के मध्य भाग के बाद भर्तियाँ जारी होगी और अगले साल परीक्षाएँ होने की पूर्ण संभावनाएँ है । आप जिस भी भर्ती की तैयारी कर रहे है , उसकी अब स्पीड और बढ़ा दीजिए । आप उस ग्रुप से दूर रहना जो यह कहकर आपको डाइवर्ट करेगा की बजट घोषणा है .. पूर्ण नहीं होगी .. ये लोकसभा चुनाव के कारण है … उतर प्रदेश में भी भर्ती नहीं जारी की .. जैसे उलुलजुलूल और बेबुनियाद कुतर्क के सहारे आपको भ्रमित करते है ।
सब होगा और शानदार होगा , बस मेहनत करते रहना 🙌
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
सब होगा और शानदार होगा , बस मेहनत करते रहना 🙌
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
आज एक वीडियो बनाऊँगा जिसमें बात करूँगा कि इस समय किस परीक्षा को टारगेट करें और तैयारी को कैसे प्रभावी रूप से जारी रखें । 👍
Dr Ganpat Singh Rajpurohit pinned «https://hottg.com/history_point_official ये भी अपना है । जॉइन कर सकते है ।»
आज मेरी स्नातक अंतिम वर्ष की कक्षा को विदाई दी ❤️प्यारे बच्चों के साथ 🙌
अध्ययन में अनुशासन और समर्पण बेहद ज़रूरी होता है । अगर इसका अभाव है तो आप निश्चय ही स्वयं के साथ धोखा कर रहे है । इस विषय पर जल्द एक वीडियो अपलोड करूँगा । पढ़ते रहें 🙌
मंजिल की तरफ़ जब पहला क़दम बढ़ाते है... तब अनेक प्रश्न मन मस्तिष्क में उपजते हैं... कभी खुद की काबिलियत पर संदेह होता है तो कभी मंजिल के रास्तों पर सन्देह.... दरअसल पहला क़दम सबसे मुश्किल भरा होता है... तदुपरांत मंजिल और उसकी डगर की कठिनता के अनुरूप जब राही अपने आप को झोंक देता है, तब मस्तिष्क में उपजे वे सवालात , स्वतः समाप्त होते जाते हैं, और उन प्रश्नों का स्थान अब मंज़िल तक पहुँचने की तरकीबें, तकनीकियां व तरीक़े ले लेते हैं।
यात्रा आरम्भ करने वालों की तादाद लाखों में होती है... मंजिल को मुकम्मल चंद राही करते है....ये चंद वो हैं, जो अपनी धुन में रंगे रहते है, बाह्य कारकों, निरर्थक प्रश्नों , अनावश्यक संशयों के चक्रव्यूह में घिरे नहीं रहते... ये वो होते हैं, जो रिस्क लेना जानते हैं, ये वो होते हैं जो औरों से एक क़दम आगे होते है... ये वो होते हैं जो हँसते हँसते दुनियां का सामना कर लेते है, घुटने नहीं टेकते...बाक़ी सफल लोग, अलग ग्रह से नहीं आये, हमारे बीच के ही हैं।👍
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
यात्रा आरम्भ करने वालों की तादाद लाखों में होती है... मंजिल को मुकम्मल चंद राही करते है....ये चंद वो हैं, जो अपनी धुन में रंगे रहते है, बाह्य कारकों, निरर्थक प्रश्नों , अनावश्यक संशयों के चक्रव्यूह में घिरे नहीं रहते... ये वो होते हैं, जो रिस्क लेना जानते हैं, ये वो होते हैं जो औरों से एक क़दम आगे होते है... ये वो होते हैं जो हँसते हँसते दुनियां का सामना कर लेते है, घुटने नहीं टेकते...बाक़ी सफल लोग, अलग ग्रह से नहीं आये, हमारे बीच के ही हैं।👍
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
इन दिनों अख़बार के तीन झूठ .
१. अध्यापक भर्ती में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया;
२. बीएड अब बंद हो जाएगी , केवल चार साल की रहेगी ;
३. व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक के लिए भी टेट होगी ।
आप इन तीनों को झूठ मानते हुए , सिरे से अस्वीकार कर , आगे बढ़ें । 50% आरक्षण का कहीं भी प्रावधान नहीं किया है । दो वर्षीय बीएड यथावत रहेगी और चार वर्षीय भी यथावत है बस इसका नाम और प्रक्रिया थोड़ी बदलेगी । जहां पहले से हो दो परीक्षा हो रही और न्यूनतम प्रतिशत अनिवार्य किए जा चुके हो , वहाँ पात्रता रखने की कोई भी शर्त शिक्षा नीति में नहीं है । इसलिए मस्त रहें और पढ़ते रहें । ☺️
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
१. अध्यापक भर्ती में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया;
२. बीएड अब बंद हो जाएगी , केवल चार साल की रहेगी ;
३. व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक के लिए भी टेट होगी ।
आप इन तीनों को झूठ मानते हुए , सिरे से अस्वीकार कर , आगे बढ़ें । 50% आरक्षण का कहीं भी प्रावधान नहीं किया है । दो वर्षीय बीएड यथावत रहेगी और चार वर्षीय भी यथावत है बस इसका नाम और प्रक्रिया थोड़ी बदलेगी । जहां पहले से हो दो परीक्षा हो रही और न्यूनतम प्रतिशत अनिवार्य किए जा चुके हो , वहाँ पात्रता रखने की कोई भी शर्त शिक्षा नीति में नहीं है । इसलिए मस्त रहें और पढ़ते रहें । ☺️
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। मेहनत से निकला हुआ अभ्यर्थी अलग ही चमक रखता है। उसका बात रखने का तरीक़ा , भावाभिव्यक्ति , कॉन्फिडेंस , सहजता , ख़ुद पर विश्वास , अविरल यात्रा तथा उसकी गहराई अलग लेवल की होती है ।
ग़लत तरीक़ों से चयनित व्यक्ति में खोखलापन रहता है , अंदरूनी भय सदैव रहेगा , कॉन्फ़िडेंस तो हमेशा कम रहेगा या उसकी क्षतिपूर्ति हेतु ओवर कॉन्फिडेंस रखेगा , सहजता का अभाव रहेगा बस छलकता रहेगा । पब्लिकली ख़ुशी मना नहीं सकता , आंतरिक ख़ुशी कभी होगी नहीं ।
इसलिए कहता हूँ जीवन को इतना जटिल क्यों करना , बेहतर है या तो मेहनत से लग जाओ या मेहनत करके अपना ख़ुद का व्यवसाय करिए । ईमानदारी की दाल , ग़लत कार्यों से अर्जित धन की मलाई से कहीं अधिक सुकून देह होती है ।
बाक़ी आजकल अभ्यर्थी पूछ रहे है कि सर सुना है अगले सप्ताह व्याख्याता की भर्ती आ रही है ! आ जाए तो बढ़िया है लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि आयोग भी सोच रहा होगा हमारे पास तो अभ्यर्थना भी नहीं आयी है और मार्केट में भर्ती पहुँचने की ख़बर तक फैला दी गई है ☺️। इसलिए पढ़ते रहें भर्ती आनी ही है बस थोड़ा वक्त लगेगा, मगर हाँ अधिक वक़्त नहीं लगेगा ।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
ग़लत तरीक़ों से चयनित व्यक्ति में खोखलापन रहता है , अंदरूनी भय सदैव रहेगा , कॉन्फ़िडेंस तो हमेशा कम रहेगा या उसकी क्षतिपूर्ति हेतु ओवर कॉन्फिडेंस रखेगा , सहजता का अभाव रहेगा बस छलकता रहेगा । पब्लिकली ख़ुशी मना नहीं सकता , आंतरिक ख़ुशी कभी होगी नहीं ।
इसलिए कहता हूँ जीवन को इतना जटिल क्यों करना , बेहतर है या तो मेहनत से लग जाओ या मेहनत करके अपना ख़ुद का व्यवसाय करिए । ईमानदारी की दाल , ग़लत कार्यों से अर्जित धन की मलाई से कहीं अधिक सुकून देह होती है ।
बाक़ी आजकल अभ्यर्थी पूछ रहे है कि सर सुना है अगले सप्ताह व्याख्याता की भर्ती आ रही है ! आ जाए तो बढ़िया है लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि आयोग भी सोच रहा होगा हमारे पास तो अभ्यर्थना भी नहीं आयी है और मार्केट में भर्ती पहुँचने की ख़बर तक फैला दी गई है ☺️। इसलिए पढ़ते रहें भर्ती आनी ही है बस थोड़ा वक्त लगेगा, मगर हाँ अधिक वक़्त नहीं लगेगा ।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
कोई दिल से आपका अपना होता है, कोई मजबूरीवश होता है; कोई इसलिए आपका अनुसरण करता है कि उसे आप जैसा बनना होता है, औऱ कोई इसलिए कि आप ग़लती करो, औऱ वो आप पर प्रहार करें; कोई दिल से आपसे जुड़ा हुआ है, औऱ कई स्वार्थसिद्धि के ख़ातिर; कोई आपका शुभचिंतक होता है, औऱ कोई शुभचिंतक बना हुआ होता है; कोई मन से आपका होता है, कोई मस्तिष्क से आपका होता है; कोई खुला विरोधी होता है, उसका सम्मान करना चाहिए, कोई छुपा होता है, उसको प्रेम औऱ स्नेह देना चाहिए।
अतः जरूरत है हमें दोनों श्रेणियों को जानने की औऱ उनको पहचानने की कि कौन वास्तविक है, और कौन वास्तविक बना हुआ है...औऱ यह आत्मज्ञान स्वयं तक ही रखना चाहिए, प्रकट नहीं करना चाहिए....❣️
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
अतः जरूरत है हमें दोनों श्रेणियों को जानने की औऱ उनको पहचानने की कि कौन वास्तविक है, और कौन वास्तविक बना हुआ है...औऱ यह आत्मज्ञान स्वयं तक ही रखना चाहिए, प्रकट नहीं करना चाहिए....❣️
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
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आज प्रोफ़ेसर परीक्षा हिंदी विषय में शामिल होने वाले सभी प्यारे अभ्यर्थियों को शुभकामनाएँ ।
आपका बेहतर देना और परीक्षा में पूर्ण धैर्य रखना । पेपर के दौरान जल्दबाज़ी या हड़बड़ाहट से बचना । प्रश्न को एकाधिक बार पढ़ना और फिर बड़े सात्विक तरीक़े से आंसर टिक करना और अपने समय और पेपर का आनुपातिक प्रबंधन करते हुए शत प्रतिशत देना ।
पुनः शुभकामनाएँ ।
विजयी भव🙌
आपका बेहतर देना और परीक्षा में पूर्ण धैर्य रखना । पेपर के दौरान जल्दबाज़ी या हड़बड़ाहट से बचना । प्रश्न को एकाधिक बार पढ़ना और फिर बड़े सात्विक तरीक़े से आंसर टिक करना और अपने समय और पेपर का आनुपातिक प्रबंधन करते हुए शत प्रतिशत देना ।
पुनः शुभकामनाएँ ।
विजयी भव🙌
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