जो भी वीर्यनाश के मार्ग पर चलकर सोच रहा है की आनंद की प्राप्ति होगी, ऐसा आनंद सिर्फ कुछ देर का ही होता है, उसके बाद ऐसी आत्मगलानी होती है जो तुम्हें बर्बाद करने के लिए काफी है इतने कमजोर और नपुंसक बन जाआगे कि अपने घर की रक्षा के लिए भी दूसरों की राह देखोगे, इसलिए उठो मेरे भाइयों एक श्रेष्ठ जीवन की अग्रसर हो जाओ, जो हो गया उसे भूलकर आज ही संकल्प लें लो कि जीवन में कभी वीर्यनाश नहीं करोगे।
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