एकलव्य की तरह समर्पण और अर्जुन की तरह लक्ष्यभेदी दृष्टि – दोनों तुम्हारे भीतर हैं।
जिसके हौसले इतने मजबूत हों कि प्लास्टर चढ़े हाथ से भी वो हार मानने को तैयार न हो,
उसका भविष्य निश्चित रूप से उज्जवल होगा।
परेशानियाँ आएंगी, लेकिन याद रखना —
बड़ा तूफ़ान सिर्फ़ उन्हीं पे आता है जो समंदर को चीरने की हिम्मत रखते हैं।
तुम्हारे इस पगलेपन में जो जूनून है,
वो ही तुम्हें सबसे आगे ले जाएगा।
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