– पहली परीक्षा अनिवार्य होगी, जबकि जो छात्र इसमें उत्तीर्ण होंगे, उन्हें तीन तक अकादमिक विषयों में अपने अंक सुधारने का विकल्प दूसरी वैकल्पिक परीक्षा के माध्यम से मिलेगा।
– दूसरी परीक्षा में वही छात्र बैठ सकते हैं जो पहली परीक्षा में कम से कम 3 विषयों में पास हों।
– यह महत्वपूर्ण बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो परीक्षा प्रणाली को अधिक लचीला, छात्र-केंद्रित और तनाव-मुक्त बनाने पर बल देती है।
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