– यह फिल्म चरवाहों और उनके पारंपरिक जीवन के प्रति एक श्रद्धांजलि है। फिल्म में स्वानंद किरकिरे की आवाज़, रजत ढोलकिया का संगीत और रेसुल पुकुट्टी की ध्वनि डिजाइन है।
– इस फिल्म के फिल्म डायरेक्टर सुरेश एरियात हैं।
फिल्म के बारे में
– “ऊन का मतलब ऊन है, और देसी ऊन का मतलब है दक्कनी डेक्कनी काली भेड़ से निकाला जाने वाला ऊन, जो तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अलावा ज्यादातर कर्नाटक और दक्षिणी महाराष्ट्र में पाया जाता है।
– “Desi Oon” एक स्टॉप-मोशन फिल्म है, जिसमें दक्कन की देसी भेड़ों से निकली ऊन से बनी कठपुतलियों का इस्तेमाल किया गया है।
– ऊन ही फिल्म में अपनी कहानी कहती है। इसे बनाने में एक साल लगा।
– “देसी ऊन” श्रद्धेय चरवाहे बालूमामा को भी एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपना जीवन दक्कनी भेड़ों के पालन-पोषण और सुरक्षा के लिए समर्पित कर दिया
– इस फिल्म ने यह पुरस्कार जीतकर भारतीय एनीमेशन को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाई है।
– एनेसी अवॉर्ड के अलावा फिल्म को क्राफ्ट कैटेगरी में कान्स लायंस 2025 में भी सिलेक्ट किया गया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
– फिल्म ‘देसी ऊन’ को मुंबई में आयोजित (1 से 4 मई तक) वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) 2025 में बेस्ट फिल्म का ताज पहनाया था।
>>Click here to continue<<