– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जून 2025 को बिहार के सारण में मरहोरा लोकोमोटिव फैक्ट्री से पहले ‘मेड इन इंडिया’ लोकोमोटिव इंजन को हरी झंडी दिखाकर वर्चुअल तरीके से रवाना किया।
– इंजन को रेलवे की महिला लोको पायलट श्वेता कुमारी व दिलीप कुमार ने हॉर्न बजाकर हरी झंडी दिखाते हुए पटरी पर आगे के लिए दौड़ा दिया।
– यह फैक्ट्री, मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत की पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजना है, जो GE ट्रांसपोर्टेशन (अब Wabtec का हिस्सा) और भारतीय रेलवे के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
– यहां निर्मित 150 लोकोमोटिव गिनी को निर्यात किए जाएंगे।
इंजन के बारे में
– इंजन का नाम गिनी गणराज्य के राष्ट्रपति के गांव के नाम पर ‘कोमा’ रखा गया है।
– इसे गिनी गणराज्य के सीमांडू माइंस प्रोजेक्ट के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है।
– इसका रंग नीला व फिरोजी है। कहते हैं कि गिनी के राष्ट्रीय झंडा में नीले व फिरोजी रंग का उपयोग किया गया है और यह रंग समुद्र का भी प्रतिनिधित्व करता है।
– यह इंजन आगे और पीछे दोनों तरफ चल सकता है।
– यह आधुनिक इंजन 4500 HP पावर क्षमता का है।
– मढ़ौरा, बिहार से वर्ष 2028 तक गिनी को भेजा जाएगा।
– वेबटेक कंपनी के एमडी संदीप शिलॉट ने बताया कि इससे करीब 3000 करोड़ से अधिक का व्यापार होगा।
– इसका डिजाइन गिनी के उच्च तापमान को देखते हुए तैयार किया गया है।
– इस इंजन के केबिन ए.सी. (AC) वाले बनाए गए हैं।
– इसमें फ्रिज, यूरिनल व ऑटोमेटिक कंट्रोल सिस्टम सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है।
– यह इंजन अन्य इंजनों की तुलना में ईंधन की खपत कम करता है और प्रदूषण भी काम फैलता है।
गिनी गणराज्य
– राजधानी – कोनाक्री
– सैन्य सरकार के अंतरिम राष्ट्रपति – मामाडी डौम्बौया
– प्रधानमंत्री – बह ओरी
– मुद्रा – गिनीयन फ्रैंक
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