– यह रिपोर्ट 16 जून 2025 को खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने जारी की।
– FAO और WFP संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियां हैं जो खाद्य सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र में काम करती हैं।
– यूरोपीय संघ के समर्थन से प्रकाशित ‘Hunger Hotspots’ नामक यह रिपोर्ट हर छह महीने में जारी की जाती है।
– इसमें आने वाले पांच महीनों के लिए बिगड़ते खाद्य संकटों की पूर्व चेतावनी और विश्लेषण किया जाता है।
भुखमरी और मृत्यु का खतरा
– रिपोर्ट के अनुसार, सूडान, दक्षिण सूडान, माली, हैती और फिलिस्तीन सर्वाधिक भूख से प्रभावित इलाक़े (hotspots) हैं। इनमें सबसे ज्यादा खराब स्थिति सूडान, दक्षिण सूडान और माली की है।
– चेतावनी दी गई है कि यदि तत्काल मानवीय कार्रवाई नहीं की गई और संघर्ष को कम करने, विस्थापन को रोकने तथा सहायता प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयास नहीं किए गए, तो भूख से ग्रस्त पांच हॉटस्पॉट में लोगों को अत्यधिक भूख तथा भुखमरी और मृत्यु का खतरा हो सकता है।
13 देशों और क्षेत्रों में गम्भीर खाद्य असुरक्षा
– रिपोर्ट में, दुनिया के 13 देशों और क्षेत्रों में गम्भीर खाद्य असुरक्षा की स्थिति बद से बदतर होने की आशंका जताई है।
– सबसे अधिक चिन्ता वाले पांच ‘हॉटस्पॉट्स’ के अलावा यमन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी), म्याँमार और नाइजीरिया, अब ‘अत्यधिक चिन्ता वाले भूख संकट क्षेत्र’ हैं।
– यहां जीवन और आजीविका को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई आवश्यक है।
– खाद्य असुरक्षा से प्रभावित अन्य देशों में बुरकिना फ़ासो, चाड, सोमालिया और सीरिया हैं, जहां परिस्थितियाँ तेज़ी से बिगड़ रही हैं।
रिपोर्ट रेड अलर्ट है
– FAO के महानिदेशक क्यू डोंग्यू ने कहा कि यह रिपोर्ट स्पष्ट संकेत है कि भूख कोई दूर नजर आने वाला ख़तरा नहीं, बल्कि लाखों-करोड़ों लोगों के लिए रोज़ की आपात स्थिति बन चुकी है।
– हमें अभी और मिलकर काम करना होगा ताकि जीवनरक्षा की जा सके और आजीविकाएँ सुरक्षित रहें।
– WFP की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने कहा, “यह रिपोर्ट एक रेड एलर्ट है। हमें पता है कि भुखमरी कहां बढ़ रही है और किसे सबसे ज़्यादा ख़तरा है।
– सिंडी मैक्केन ने कहा, हमारे पास ज़रूरी संसाधन और अनुभव हैं, लेकिन अगर हमें धन और सहायता मार्ग तक पहुँच नहीं मिली, तो हम लोगों की जान नहीं बचा पाएँगे.”।
करोड़ की भूख का सवाल
– सूडान के कुछ हिस्सों में 2024 में अकाल की पुष्टि हुई, जहाँ युद्ध और विस्थापन के कारण लगभग 2.46 करोड़ लोग गम्भीर खाद्य असुरक्षा के गर्त में धँस रहे हैं।
– दक्षिण सूडान में राजनैतिक तनाव, बाढ़ के ख़तरे और आर्थिक बदहाली के कारण 77 लाख लोग खाद्य असुरक्षा के ऊँचे स्तर से प्रभावित हैं।
– हैती में बढ़ती सामूहिक हिंसा के कारण हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं, तथा 8,400 लोग पहले से ही भयावह भूखमरी का सामना कर रहे हैं।
– वहीं, माली में अनाज की ऊँची क़ीमतों और हिंसक टकराव, सबसे निर्बल परिवारों को प्रभावित कर रहे हैं।
– उधर, गाजा पट्टी में इसराइली सैन्य कार्रवाई के बीच फ़लस्तीनी आबादी तक मानवीय सहायता पहुंचाने में बाधा आ रही है, जिससे 21 लाख लोग गम्भीर खाद्य संकट में हैं।
सूडान
राजधानी – खार्तूम
अंतरिम राष्ट्रपति – अब्देल फत्ताह अल-बुरहान
मुद्रा – सूडानी पाउंड
दक्षिण सूडान
राजधानी – जुबा
राष्ट्रपति – साल्वा कीर मयार्दित
मुद्रा – साउथ सूडानी पाउंड
माली
राजधानी – बामाको
अंतरिम राष्ट्रपति – असिमी गोइता
मुद्रा – CFA फ्रैंक
हैती
राजधानी – पोर्ट-ऑ-प्रिंस
ट्रांजिशनल प्रेसिडेंशियल काउंसिल के चेयरमैन – फ्रिट्ज़ जीन
प्रधानमंत्री – एलिक्स डिडिएर फिल्स-ऐमे
मुद्रा – गौर्डे
फिलिस्तीन
राजधानी – यरूशलेम
राष्ट्रपति – महमूद अब्बास
प्रधानमंत्री – मोहम्मद मुस्तफा
मुद्रा – मिस्री पाउंड, इज़रायली नई शेकेल, जॉर्डनियन दिनार
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