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– WEF ने 18 जून 2025 को ये सूचकांक जारी किया है, जिसमें 118 देशों को शामिल किया गया है।
– भारत 2024 की सूची में 63वें स्थान पर था।
– लेकिन WEF ने कहा है कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत और चीन ने विशेष रूप से ऊर्जा तक पहुंच बढ़ाने और हरित ऊर्जा की ओर तेजी से बदलाव के मामले में सबसे अधिक सुधार किया है।

रैंकिंग में Top 5 देश
1) स्वीडन
2) फिनलैंड
3) डेनमार्क
4) नॉर्वे
5) स्विट्जरलैंड
– चीन 12वें, अमेरिका 17वें और पाकिस्तान 101वें स्थान पर है।
– कांगो सबसे निचले स्थान पर है।

ऊर्जा आपूर्ति में लगभग आधी हिस्सेदारी इनकी
– WEF ने कहा कि शीर्ष पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चीन, अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और भारत अपने विशाल आकार के कारण वैश्विक ऊर्जा बदलाव की गति और दिशा निर्धारित करेंगे।
– इन देशों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) जनसंख्या और कुल ऊर्जा आपूर्ति में लगभग आधी हिस्सेदारी है।
– साथ ही, वैश्विक उत्सर्जन में लगभग दो-तिहाई हिस्सा इन्हीं देशों का है।

कार्बन उत्सर्जन कम करने में भारत आगे
– WEF ने कहा कि भारत ने ऊर्जा गहनता और कार्बन उत्सर्जन को कम करने, अधिक अनुकूल ऊर्जा विनियमन बनाने और स्वच्छ ऊर्जा निवेश बढ़ाने में भी प्रगति की है।
– 2025 में 118 देशों में से 77 देशों ने अपनी स्थिति में सुधार किया।
– लेकिन सभी तीन ऊर्जा आयाम- ऊर्जा सुरक्षा, टिकाऊ और इक्विलिटी में आगे बढ़ने वाले देशों का हिस्सा केवल 28 प्रतिशत था।

वर्षों की सुस्त प्रगति के बाद बदल रहे हालात
– ऊर्जा सुरक्षा के मामले में अमेरिका सबसे आगे रहा, जबकि भारत ऊर्जा दक्षता और निवेश क्षमता के मामले में अग्रणी रहा।
– WEF ने कहा कि वर्षों की सुस्त प्रगति के बाद सुरक्षित, और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में वैश्विक प्रगति तेज हो रही है।

– WEF ने 18 जून 2025 को ये सूचकांक जारी किया है, जिसमें 118 देशों को शामिल किया गया है।
– भारत 2024 की सूची में 63वें स्थान पर था।
– लेकिन WEF ने कहा है कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत और चीन ने विशेष रूप से ऊर्जा तक पहुंच बढ़ाने और हरित ऊर्जा की ओर तेजी से बदलाव के मामले में सबसे अधिक सुधार किया है।

रैंकिंग में Top 5 देश
1) स्वीडन
2) फिनलैंड
3) डेनमार्क
4) नॉर्वे
5) स्विट्जरलैंड
– चीन 12वें, अमेरिका 17वें और पाकिस्तान 101वें स्थान पर है।
– कांगो सबसे निचले स्थान पर है।

ऊर्जा आपूर्ति में लगभग आधी हिस्सेदारी इनकी
– WEF ने कहा कि शीर्ष पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चीन, अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और भारत अपने विशाल आकार के कारण वैश्विक ऊर्जा बदलाव की गति और दिशा निर्धारित करेंगे।
– इन देशों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) जनसंख्या और कुल ऊर्जा आपूर्ति में लगभग आधी हिस्सेदारी है।
– साथ ही, वैश्विक उत्सर्जन में लगभग दो-तिहाई हिस्सा इन्हीं देशों का है।

कार्बन उत्सर्जन कम करने में भारत आगे
– WEF ने कहा कि भारत ने ऊर्जा गहनता और कार्बन उत्सर्जन को कम करने, अधिक अनुकूल ऊर्जा विनियमन बनाने और स्वच्छ ऊर्जा निवेश बढ़ाने में भी प्रगति की है।
– 2025 में 118 देशों में से 77 देशों ने अपनी स्थिति में सुधार किया।
– लेकिन सभी तीन ऊर्जा आयाम- ऊर्जा सुरक्षा, टिकाऊ और इक्विलिटी में आगे बढ़ने वाले देशों का हिस्सा केवल 28 प्रतिशत था।

वर्षों की सुस्त प्रगति के बाद बदल रहे हालात
– ऊर्जा सुरक्षा के मामले में अमेरिका सबसे आगे रहा, जबकि भारत ऊर्जा दक्षता और निवेश क्षमता के मामले में अग्रणी रहा।
– WEF ने कहा कि वर्षों की सुस्त प्रगति के बाद सुरक्षित, और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में वैश्विक प्रगति तेज हो रही है।


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