– एयर इंडिया का AI-171 प्लेन 12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से 242 लोगों (यात्रियों और चालक दल) को लेकर लंदन जा रहा था।
– उड़ान के कुछ ही समय बाद (दोपहर 1:40 बजे क्रैश) एक बीजे मेडिकल कॉम्प्लेक्स से टकराकर प्लेन क्रेश हो गया।
– इस प्लेन क्रेश में, एक यात्री को छोड़कर सभी की मौत हो गई।
– प्लेन क्रेश में जीवित व्यक्ति का नाम विश्वासकुमार रमेश है।
– इसके अलावा जमीन और मेडिकल कॉम्प्लेक्स में मौजूद लगभग 29 लोगों की भी इस हादसे में मौत हो गई।
– अहमदाबाद विमान दुर्घटना में 18 जून तक, DNA टेस्ट से 190 पीड़ितों की पहचान हुई, 159 शव परिजनों को सौंपे गए। बाकि लोगों की पहचान की जा रही है।
पायलट ने ‘मेडे’ कॉल किया?
– प्लेन को पायलट इन कमांड सुमित सभरवाल और सह-पायलट क्लाइव कुंदर ने चलाया।
– उड़ान के कुछ मिनटों बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कॉल (ATC) को ‘मेडे’ कॉल किया।
– “मेडे मेडे मेडे” का मतलब होता है- मेरी मदद करो (हेल्प मी)
– “MAYDAY” कॉल एक आपातकालीन संकेत होता है, जो समुद्र, हवा या रेडियो संचार में इस्तेमाल किया जाता है।
– जहाज या हवाई जहाज में जब जान का खतरा हो (जैसे डूबना, आग लगना, टेक्निकल खराबी) तो रेडियो पर तीन बार “Mayday, Mayday, Mayday” कहकर बुलाया जाता है।
हादसा कैसे हुआ?
– यह हादसा कैसे हुआ इसकी पूरी जानकारी ब्लैक बॉक्स के डेटा से हो सकेगी। ब्लैक बॉक्स, जांच करने वाली टीम को मिल गया है।
– ब्लैक बॉक्स एक खास किस्म का रिकॉर्डिंग डिवाइस होता है, जो विमान (या जहाज) की उड़ान से जुड़ी अहम जानकारियां रिकॉर्ड करता है। इस बॉक्स का कलर ऑरेंज होता है ताकि इसे आसानी से ढूंढा जा सके। इसमें कई सारे सबूत रिकॉर्ड हो जाते हैं।
नोट : – केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने 17 जून, 2025 को कहा कि अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रेश की जांच के लिए केंद्र द्वारा गठित उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
किस देश के कितने यात्री सवार थे?
– एयर इंडिया के AI-171 प्लेन में कुल 242 लोग सवार थे।
– जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स थे।
– भारतीय – 169
– ब्रिटिश – 53
– पुर्तगाली- 7
– कनाडाई – 1
– 12 क्रू मेंबर्स
प्लेन क्रेश में बचे रमेश कुमार ने क्या बताया?
– इस प्लेन क्रेश में बचे रमेश नाम के व्यक्ति ने कहा कि मुझे यकीन नहीं हो रहा कि, मैं कैसे जिंदा बचा।
– वह प्लेन में 11-A सीट पर बैठे थे।
रमेश से कुछ सवाल जवाब
– प्रश्न : हादसा कैसे हुआ?
– जवाब : सब कुछ मेरे सामने हुआ। मुझे पता नहीं यह कैसे हुआ। मुझे यकीन नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। थोड़े वक्त के लिए लगा था कि मैं भी मरने वाला हूं। मेरी आंख खुली तो लगा कि मैं जिंदा हूं। मैंने सोचा मैं यहां से निकल सकता हूं और मैं निकल गया।
– प्रश्न: टेक ऑफ के तुरंत बाद क्या हुआ?
– जवाब: उड़ान भरते ही करीब पांच से दस सेकेंड में लगा जैसे प्लेन रुक गया हो। तभी ग्रीन और व्हाइट लाइट ऑन हो गई। जैसे ही स्पीड बढ़ी, उसी वक्त प्लेन नीचे गिरा और जोरदार धमाका हुआ।
– प्रश्न: जब विमान हॉस्टल से टकराया, आप कैसे बाहर निकले?
– जवाब: मेरी सीट प्लेन के उस हिस्से में थी जो बिल्डिंग के निचले हिस्से से टकराया। ऊपर आग लग गई थी और कई लोग फंस गए। शायद मैं अपनी सीट के साथ नीचे गिर गया था और किसी तरह बाहर निकल सका।
जान गवाने वाले व्याक्ति के परिवार को सहायता
– टाटा समूह ने कहा, एयर इंडिया फ्लाइट 171 से जुड़ी दुखद घटना से हम बहुत दुखी हैं। “इस हादसे में जिन लोगों की जान गई है, उनके परिवारों को हम 1 करोड़ रुपये की मदद देंगे। जो लोग घायल हुए हैं, उनके इलाज का खर्च भी हम उठाएंगे और उन्हें पूरी मदद और देखभाल देंगे। इसके अलावा, हम बी जे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के निर्माण में भी मदद करेंगे।”
AI-171 प्लेन (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन)
– रेंज : लगभग 13,530 किलोमीटर
– सामग्री : 50% हिस्सा कार्बन फाइबर-प्रबलित पॉलिमर से बना
– इंजन : एडवांस्ड रोल्स रॉयस इंजन (कम शोर करते)
– इस प्लेन की गिनती अच्छे विमानों में होती है।
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