Suno
तेरी बंदगी से बढ़कर
कुछ भी नही जहां मैं
इश्क मैं भूल गए है फर्क
मेहबूब और खुदा मैं
सारा वक्त लिए बैठे है
मेहबूब को मनाने मैं
लेकिन वक्त कहा है इनके
पास खुदा को मनाने मैं
वक्त बुरा हो खुदा को याद
करते है
कोई कसर नही छोड़ते है
ये लोगो को रुलाने में
कैसे मानेगा खुदा लगे है
खुदा को मनाने में
irfan...✍️
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