Channel: ❤️ Gulzar Sad Shayari ❤️
और उसे बद्दुआ
कुछ इस वज़ह से भी नहीं दिया मैंने...
वो जिसकी बेटी है
उसे कभी मां कहा था मैंने...!!
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कुछ इस वज़ह से भी नहीं दिया मैंने...
वो जिसकी बेटी है
उसे कभी मां कहा था मैंने...!!
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आगे आने वाला शहर
कितना भी पसंदीदा हो....
पीछे छुटने वाला घर
बेचैन कर ही देता है....!!
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कितना भी पसंदीदा हो....
पीछे छुटने वाला घर
बेचैन कर ही देता है....!!
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पुरूष पढ़ा तो ब्याह लाया
उन अनपढ़ स्त्रियों को भी.....
स्त्रियां पढ़ी तो
सैकड़ों पुरषों को नापसन्द किया...!!
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उन अनपढ़ स्त्रियों को भी.....
स्त्रियां पढ़ी तो
सैकड़ों पुरषों को नापसन्द किया...!!
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कभी लफ्ज़ भूल जाऊं
कभी बात भूल जाऊं
तुझे उस कदर चाहूं
कि अपनी जात भूल जाऊं....
कैसे कहें तुम्हें कि कितना चाहा है तुझे
अगर कहने पे आऊं तो अल्फ़ाज़ भूल जाऊं...!!
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कभी बात भूल जाऊं
तुझे उस कदर चाहूं
कि अपनी जात भूल जाऊं....
कैसे कहें तुम्हें कि कितना चाहा है तुझे
अगर कहने पे आऊं तो अल्फ़ाज़ भूल जाऊं...!!
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तवायफों से इतनी नाराज़गी है समाज को,
इत्तेफ़ाक देखिए वो बता कर करती है जो करती है..!!
इत्तेफ़ाक देखिए वो बता कर करती है जो करती है..!!
इतना दिखावा इतना नाटक वाह,
क्या ख़ूब कलाकार हैं हम लोग..!!
क्या ख़ूब कलाकार हैं हम लोग..!!
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