Channel: प्रेमनगर 💕
🙏🏻🙏🏻
मेरी आँखों के जादु से अभी तुम कहा वाकिफ
हो ,
हम उसे भी जीना सिखा देते हे जिसे मरने
का शौक हो ।🌹🌹🌻
मेरी आँखों के जादु से अभी तुम कहा वाकिफ
हो ,
हम उसे भी जीना सिखा देते हे जिसे मरने
का शौक हो ।🌹🌹🌻
इसे नसीहत कहूँ या जुबानी चोट साहब....
एक शख्स कह गया गरीब मोहब्बत नहीं करते....💔
एक शख्स कह गया गरीब मोहब्बत नहीं करते....💔
❛जिंदगी मे कभी ,किसी बुरे दिन से
रूबरू हो जाओ तो,
इतना हौसला जरूर रखना की,
दिन बुरा था जिंदगी नहीं।❜
रूबरू हो जाओ तो,
इतना हौसला जरूर रखना की,
दिन बुरा था जिंदगी नहीं।❜
हँसता हुआ चेहरा आपकी शान
बढ़ाता है
मगर....
हँसकर किया हुआ कार्य आपकी
पहचान बढ़ाता है!!
बढ़ाता है
मगर....
हँसकर किया हुआ कार्य आपकी
पहचान बढ़ाता है!!
तुम लाख छुपा लो सीने मेँ
एहसास हमारी चाहत का...
दिल जब भी तुम्हारा धड़का है
आवाज़ यहाँ तक आई है.!!
एहसास हमारी चाहत का...
दिल जब भी तुम्हारा धड़का है
आवाज़ यहाँ तक आई है.!!
💝🌿💖उन्हें दर्द को सीने की आदत होती है ।
फटी कमीज में जो बच्चा भाई की खातिर,
रोटियाँ छुपा कर लाता है..✍🌹🅰
फटी कमीज में जो बच्चा भाई की खातिर,
रोटियाँ छुपा कर लाता है..✍🌹🅰
💝🌿💖अपनी वफ़ा का इतना दावा ना कर ऐ दोस्त...
मैंने रूह को जिस्म से बेवफाई करते देखा है..!!!🌹🅰
मैंने रूह को जिस्म से बेवफाई करते देखा है..!!!🌹🅰
जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार
आसान होता
है,
रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र
जाती
है।😔😔🐅
आसान होता
है,
रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र
जाती
है।😔😔🐅
"दोस्ती चीज नहीं जताने की,
हमें आदत नहीं किसी को भुलाने की,
हम इसलिये आपसे कम बात करते हैं,
की नजर लग जाती है रिश्तों को जमाने की."
हमें आदत नहीं किसी को भुलाने की,
हम इसलिये आपसे कम बात करते हैं,
की नजर लग जाती है रिश्तों को जमाने की."
न जख्म भरे,...........न शराब सहारा हुई...न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई !---🌹🌹------
"भगत सिंह" जी ने क्या खूब कहा है
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ के आया हूँ...
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ के आया हूँ.....
मुझे छाती से
अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, में अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ के आया हूँ....
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ के आया हूँ...
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ के आया हूँ.....
मुझे छाती से
अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, में अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ के आया हूँ....
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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हमे पता है तुम कहीं और के मुसाफिर हो.. हमारा शहर तो बस यूँ ही रस्ते में आया था! 💔
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