Channel: Ganpat Singh Rajpurohit
मंजिल की तरफ़ जब पहला क़दम बढ़ाते है... तब अनेक प्रश्न मन मस्तिष्क में उपजते हैं... कभी खुद की काबिलियत पर संदेह होता है तो कभी मंजिल के रास्तों पर सन्देह.... दरअसल पहला क़दम सबसे मुश्किल भरा होता है... तदुपरांत मंजिल और उसकी डगर की कठिनता के अनुरूप जब राही अपने आप को झोंक देता है, तब मस्तिष्क में उपजे वे सवालात , स्वतः समाप्त होते जाते हैं, और उन प्रश्नों का स्थान अब मंज़िल तक पहुँचने की तरकीबें, तकनीकियां व तरीक़े ले लेते हैं।
यात्रा आरम्भ करने वालों की तादाद लाखों में होती है... मंजिल को मुकम्मल चंद राही करते है....ये चंद वो हैं, जो अपनी धुन में रंगे रहते है, बाह्य कारकों, निरर्थक प्रश्नों , अनावश्यक संशयों के चक्रव्यूह में घिरे नहीं रहते... ये वो होते हैं, जो रिस्क लेना जानते हैं, ये वो होते हैं जो औरों से एक क़दम आगे होते है... ये वो होते हैं जो हँसते हँसते दुनियां का सामना कर लेते है, घुटने नहीं टेकते...बाक़ी सफल लोग, अलग ग्रह से नहीं आये, हमारे बीच के ही हैं।👍
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
यात्रा आरम्भ करने वालों की तादाद लाखों में होती है... मंजिल को मुकम्मल चंद राही करते है....ये चंद वो हैं, जो अपनी धुन में रंगे रहते है, बाह्य कारकों, निरर्थक प्रश्नों , अनावश्यक संशयों के चक्रव्यूह में घिरे नहीं रहते... ये वो होते हैं, जो रिस्क लेना जानते हैं, ये वो होते हैं जो औरों से एक क़दम आगे होते है... ये वो होते हैं जो हँसते हँसते दुनियां का सामना कर लेते है, घुटने नहीं टेकते...बाक़ी सफल लोग, अलग ग्रह से नहीं आये, हमारे बीच के ही हैं।👍
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
इन दिनों अख़बार के तीन झूठ .
१. अध्यापक भर्ती में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया;
२. बीएड अब बंद हो जाएगी , केवल चार साल की रहेगी ;
३. व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक के लिए भी टेट होगी ।
आप इन तीनों को झूठ मानते हुए , सिरे से अस्वीकार कर , आगे बढ़ें । 50% आरक्षण का कहीं भी प्रावधान नहीं किया है । दो वर्षीय बीएड यथावत रहेगी और चार वर्षीय भी यथावत है बस इसका नाम और प्रक्रिया थोड़ी बदलेगी । जहां पहले से हो दो परीक्षा हो रही और न्यूनतम प्रतिशत अनिवार्य किए जा चुके हो , वहाँ पात्रता रखने की कोई भी शर्त शिक्षा नीति में नहीं है । इसलिए मस्त रहें और पढ़ते रहें । ☺️
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
१. अध्यापक भर्ती में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया;
२. बीएड अब बंद हो जाएगी , केवल चार साल की रहेगी ;
३. व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक के लिए भी टेट होगी ।
आप इन तीनों को झूठ मानते हुए , सिरे से अस्वीकार कर , आगे बढ़ें । 50% आरक्षण का कहीं भी प्रावधान नहीं किया है । दो वर्षीय बीएड यथावत रहेगी और चार वर्षीय भी यथावत है बस इसका नाम और प्रक्रिया थोड़ी बदलेगी । जहां पहले से हो दो परीक्षा हो रही और न्यूनतम प्रतिशत अनिवार्य किए जा चुके हो , वहाँ पात्रता रखने की कोई भी शर्त शिक्षा नीति में नहीं है । इसलिए मस्त रहें और पढ़ते रहें । ☺️
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। मेहनत से निकला हुआ अभ्यर्थी अलग ही चमक रखता है। उसका बात रखने का तरीक़ा , भावाभिव्यक्ति , कॉन्फिडेंस , सहजता , ख़ुद पर विश्वास , अविरल यात्रा तथा उसकी गहराई अलग लेवल की होती है ।
ग़लत तरीक़ों से चयनित व्यक्ति में खोखलापन रहता है , अंदरूनी भय सदैव रहेगा , कॉन्फ़िडेंस तो हमेशा कम रहेगा या उसकी क्षतिपूर्ति हेतु ओवर कॉन्फिडेंस रखेगा , सहजता का अभाव रहेगा बस छलकता रहेगा । पब्लिकली ख़ुशी मना नहीं सकता , आंतरिक ख़ुशी कभी होगी नहीं ।
इसलिए कहता हूँ जीवन को इतना जटिल क्यों करना , बेहतर है या तो मेहनत से लग जाओ या मेहनत करके अपना ख़ुद का व्यवसाय करिए । ईमानदारी की दाल , ग़लत कार्यों से अर्जित धन की मलाई से कहीं अधिक सुकून देह होती है ।
बाक़ी आजकल अभ्यर्थी पूछ रहे है कि सर सुना है अगले सप्ताह व्याख्याता की भर्ती आ रही है ! आ जाए तो बढ़िया है लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि आयोग भी सोच रहा होगा हमारे पास तो अभ्यर्थना भी नहीं आयी है और मार्केट में भर्ती पहुँचने की ख़बर तक फैला दी गई है ☺️। इसलिए पढ़ते रहें भर्ती आनी ही है बस थोड़ा वक्त लगेगा, मगर हाँ अधिक वक़्त नहीं लगेगा ।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
ग़लत तरीक़ों से चयनित व्यक्ति में खोखलापन रहता है , अंदरूनी भय सदैव रहेगा , कॉन्फ़िडेंस तो हमेशा कम रहेगा या उसकी क्षतिपूर्ति हेतु ओवर कॉन्फिडेंस रखेगा , सहजता का अभाव रहेगा बस छलकता रहेगा । पब्लिकली ख़ुशी मना नहीं सकता , आंतरिक ख़ुशी कभी होगी नहीं ।
इसलिए कहता हूँ जीवन को इतना जटिल क्यों करना , बेहतर है या तो मेहनत से लग जाओ या मेहनत करके अपना ख़ुद का व्यवसाय करिए । ईमानदारी की दाल , ग़लत कार्यों से अर्जित धन की मलाई से कहीं अधिक सुकून देह होती है ।
बाक़ी आजकल अभ्यर्थी पूछ रहे है कि सर सुना है अगले सप्ताह व्याख्याता की भर्ती आ रही है ! आ जाए तो बढ़िया है लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि आयोग भी सोच रहा होगा हमारे पास तो अभ्यर्थना भी नहीं आयी है और मार्केट में भर्ती पहुँचने की ख़बर तक फैला दी गई है ☺️। इसलिए पढ़ते रहें भर्ती आनी ही है बस थोड़ा वक्त लगेगा, मगर हाँ अधिक वक़्त नहीं लगेगा ।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
कोई दिल से आपका अपना होता है, कोई मजबूरीवश होता है; कोई इसलिए आपका अनुसरण करता है कि उसे आप जैसा बनना होता है, औऱ कोई इसलिए कि आप ग़लती करो, औऱ वो आप पर प्रहार करें; कोई दिल से आपसे जुड़ा हुआ है, औऱ कई स्वार्थसिद्धि के ख़ातिर; कोई आपका शुभचिंतक होता है, औऱ कोई शुभचिंतक बना हुआ होता है; कोई मन से आपका होता है, कोई मस्तिष्क से आपका होता है; कोई खुला विरोधी होता है, उसका सम्मान करना चाहिए, कोई छुपा होता है, उसको प्रेम औऱ स्नेह देना चाहिए।
अतः जरूरत है हमें दोनों श्रेणियों को जानने की औऱ उनको पहचानने की कि कौन वास्तविक है, और कौन वास्तविक बना हुआ है...औऱ यह आत्मज्ञान स्वयं तक ही रखना चाहिए, प्रकट नहीं करना चाहिए....❣️
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
अतः जरूरत है हमें दोनों श्रेणियों को जानने की औऱ उनको पहचानने की कि कौन वास्तविक है, और कौन वास्तविक बना हुआ है...औऱ यह आत्मज्ञान स्वयं तक ही रखना चाहिए, प्रकट नहीं करना चाहिए....❣️
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
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आज प्रोफ़ेसर परीक्षा हिंदी विषय में शामिल होने वाले सभी प्यारे अभ्यर्थियों को शुभकामनाएँ ।
आपका बेहतर देना और परीक्षा में पूर्ण धैर्य रखना । पेपर के दौरान जल्दबाज़ी या हड़बड़ाहट से बचना । प्रश्न को एकाधिक बार पढ़ना और फिर बड़े सात्विक तरीक़े से आंसर टिक करना और अपने समय और पेपर का आनुपातिक प्रबंधन करते हुए शत प्रतिशत देना ।
पुनः शुभकामनाएँ ।
विजयी भव🙌
आपका बेहतर देना और परीक्षा में पूर्ण धैर्य रखना । पेपर के दौरान जल्दबाज़ी या हड़बड़ाहट से बचना । प्रश्न को एकाधिक बार पढ़ना और फिर बड़े सात्विक तरीक़े से आंसर टिक करना और अपने समय और पेपर का आनुपातिक प्रबंधन करते हुए शत प्रतिशत देना ।
पुनः शुभकामनाएँ ।
विजयी भव🙌
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प्रिय अभ्यर्थियों,
प्रस्तुत पुस्तिका में हमने विश्व इतिहास के विभिन्न तथ्यों की सटीक व्याख्या करने की कोशिश की है, साथ ही विभिन्न अध्यायों को समझने के उद्देश्य से अध्यायवार प्रश्नों का संकलन किया है ताकि अभ्यर्थी प्रश्नों की प्रकृति को समझ सकें। साथ ही प्रश्नों का व्याख्यात्मक हल भी उपलब्ध करवाया गया है ताकि अभ्यर्थियों की समझ विकसित हो सकें। इस पुस्तिका में पूर्व आयोजित परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्नों का संकलन भी किया गया है।
Pre Booking Order Link -
1. https://mybookpickup.com/product/VISHWA-ITIHAS-VASTUNISTH-GANPAT-JI-RAJPUROHIT/
2. https://bit.ly/worldhistoryprebookingorder
प्रस्तुत पुस्तिका में हमने विश्व इतिहास के विभिन्न तथ्यों की सटीक व्याख्या करने की कोशिश की है, साथ ही विभिन्न अध्यायों को समझने के उद्देश्य से अध्यायवार प्रश्नों का संकलन किया है ताकि अभ्यर्थी प्रश्नों की प्रकृति को समझ सकें। साथ ही प्रश्नों का व्याख्यात्मक हल भी उपलब्ध करवाया गया है ताकि अभ्यर्थियों की समझ विकसित हो सकें। इस पुस्तिका में पूर्व आयोजित परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्नों का संकलन भी किया गया है।
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मैं हमेशा अपने इस ध्येय पर रहता हूँ कि मुझे मेरे कार्यों व कर्तव्यों पर शिद्दत से समर्पित होकर पूर्ण लगन से काम करना है । मैं मेरे कार्य ही बेहतर कर सकता हूँ , अगर मैं दूसरों पर ध्यान रखूँगा तो मेरी ऊर्ज़ा निरर्थक ही नष्ट होगी , यह बात मैं अच्छे से जानता हूँ क्योंकि अपरिपक्वता की स्थिति में यह अनुभव कर चुका हूँ ।
जहाँ कहीं लगता है कि कुछ कार्य अथवा गतिविधियाँ मुझे नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है , मैं उन गतिविधियों से समय रहते दूर होने का अभ्यास आरंभ कर लेता हूँ , और मुक़्त हो जाता हूँ । एक समय आया था जब मैं मोबाइल का आदी हो चुका था , अब स्थिति यह है कि मेरे पूरे दिन का मोबाइल स्क्रीनटाइम एक घंटे से अधिक नहीं होता । अर्थात् हमें हर दिन स्वयं में सुधार करते रहना चाहिए । ख़ुद का अपडेट वर्जन बनना बेहद आवश्यक है । अन्यथा आप अवसान को प्राप्त कर जाएँगे 🙌
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
जहाँ कहीं लगता है कि कुछ कार्य अथवा गतिविधियाँ मुझे नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है , मैं उन गतिविधियों से समय रहते दूर होने का अभ्यास आरंभ कर लेता हूँ , और मुक़्त हो जाता हूँ । एक समय आया था जब मैं मोबाइल का आदी हो चुका था , अब स्थिति यह है कि मेरे पूरे दिन का मोबाइल स्क्रीनटाइम एक घंटे से अधिक नहीं होता । अर्थात् हमें हर दिन स्वयं में सुधार करते रहना चाहिए । ख़ुद का अपडेट वर्जन बनना बेहद आवश्यक है । अन्यथा आप अवसान को प्राप्त कर जाएँगे 🙌
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
आपकी अपनी विश्व इतिहास पुस्तक जारी हो चुकी है । सर्वप्रथम Pre - Booking हुए तक़रीबन 3000+ ऑनलाइन ऑर्डर सप्लाई किए जाएँगे । इसमें मेरा शुभकामना संदेश सहस्ताक्षर भी है ।
ये सप्लाई जाने के बाद यह पुस्तक राज्य भर के विभिन्न पुस्तक भंडारों पर उपलब्ध रहेगी । बीच में होली उत्सव भी है तो पुस्तक भंडारों पर यह 29-30 मार्च तक उपलब्ध हो पाएगी।
360 पेज की यह पुस्तक आपको बेहद पसंद आयेगी । जिसकी क़ीमत ऑनलाइन 240₹ मात्र रखी है , डिलीवरी चार्ज भी निःशुल्क है । वहीं पुस्तक भंडार पर यह अधिकतम 320₹ तक भी बेची जा सकती है । क्योंकि यह इसका अधिकतम अंकित मूल्य है । ऑनलाइन परचेज करने का लिंक ऊपर पोस्ट में दिया हुआ है । pinned msg ने भी ऑनलाइन लिंक है ।
आपके इस प्रेम से अभिभूत हूँ । आपके इस अपार प्रेम और विश्वास ने मुझे लेखन के लिए प्रेरित किया है । अब इतिहास की अगली पुस्तक पर काम आरंभ कर चुका हूँ ये आगामी पुस्तक वस्तुनिष्ठ नहीं होगी बल्कि डिस्क्रिप्टिव पुस्तक होगी ।
शुक्रिया💓
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
ये सप्लाई जाने के बाद यह पुस्तक राज्य भर के विभिन्न पुस्तक भंडारों पर उपलब्ध रहेगी । बीच में होली उत्सव भी है तो पुस्तक भंडारों पर यह 29-30 मार्च तक उपलब्ध हो पाएगी।
360 पेज की यह पुस्तक आपको बेहद पसंद आयेगी । जिसकी क़ीमत ऑनलाइन 240₹ मात्र रखी है , डिलीवरी चार्ज भी निःशुल्क है । वहीं पुस्तक भंडार पर यह अधिकतम 320₹ तक भी बेची जा सकती है । क्योंकि यह इसका अधिकतम अंकित मूल्य है । ऑनलाइन परचेज करने का लिंक ऊपर पोस्ट में दिया हुआ है । pinned msg ने भी ऑनलाइन लिंक है ।
आपके इस प्रेम से अभिभूत हूँ । आपके इस अपार प्रेम और विश्वास ने मुझे लेखन के लिए प्रेरित किया है । अब इतिहास की अगली पुस्तक पर काम आरंभ कर चुका हूँ ये आगामी पुस्तक वस्तुनिष्ठ नहीं होगी बल्कि डिस्क्रिप्टिव पुस्तक होगी ।
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✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
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NET- JRF प्रणाली में बदलाव किया है । वीडियो बनाने की कल कोशिश करूँगा इस पर । वैसे सामान्य भाषा है आप भी आसानी से समझ सकते गय।
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