Channel: Ganpat Singh Rajpurohit
आज संस्कृत शिक्षा विभाग में व्याख्याता की भर्ती जारी की , जिसमें MA में 48% आवश्यक मानें है , आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि संस्कृत शिक्षा विभाग ने यह नियम 2021 -22 में बनाया था ।सामान्य शिक्षा में इस प्रकार का कोई नियम नहीं है , इसलिए आप सभी आश्वस्त रहे , सामान्य शिक्षा में केवल उत्तीर्ण आवश्यक है ,48% की ज़रूरत नहीं ।
संस्कृत शिक्षा विभाग की परीक्षा तिथि भी सितंबर में दे दी गई है । मतलब सामान्य शिक्षा की व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2025 में आयोजित होगी , उससे पहले कोई संभावना नहीं है ।
संस्कृत शिक्षा विभाग की परीक्षा तिथि भी सितंबर में दे दी गई है । मतलब सामान्य शिक्षा की व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2025 में आयोजित होगी , उससे पहले कोई संभावना नहीं है ।
जिस दिन स्वयं को यह लग गया न कि स्वयं को सब कुछ आता हैं, उस दिन के बाद अपनी सीखने की ललक, जिज्ञासा सब खत्म हो जाएगी, जिजीविषा ख़त्म होने के बाद, अपने ज्ञान में बजाय वृद्धि के,ज्ञान को जंग लगना प्रारंभ हो जाता हैं, कुछ ही समय बाद अपन दूसरों की तुलना में कमतर हो जाएंगे, इस प्रकार से कमतर होना हमे स्वीकार्य नहीं होगा, हम इसे स्वीकार भी नहीं करेंगे.. इससे अपनी सोच संकीर्ण हो जाएगी... संकीर्ण सोच के साथ हम छिद्रान्वेषी व्यवहार करने लगेंगे, अपनी पहचान व अस्तित्व पर संकट का साया देखकर हम औरों की लकीर छोटी करने का प्रयास करेंगे... ख़ुद के ज्ञान की लकीर तो बड़ी कर नहीं सकते क्योंकि हमने मन ही मन अपने को पूर्ण ज्ञानी जो मान लिया हैं... और इस तरह एक अच्छे खासे इंसान का पतन हो जाएगा... ।
इसलिए कभी भी अपने आपको पूर्ण न माने, यकीन करिए ज्ञान की कोई सीमा नहीं हैं... आप तब तक होशियार हो जब तक सामने वाला आपसे कम होशियार हैं.. जैसे ही सामने वाला ब्रिलियंट मिल गया तो हम कम होशियार होना महसूस करेंगे, इसलिए निरन्तर सीखते जाइये... यही अधिगम आपको ऊंचाइयों पर ले जाएगा, यही ज्ञानार्जन और जिजीविषा आपके अंदर के अहम को मार देगी... अहम का मरना,व्यक्ति की सबसे बड़ी जीत होती हैं... ।
अहम की अनुपस्थिति आपको धरातल से जोड़े रखेगी, नित्य कुछ न कुछ हासिल करने हेतु प्रेरित करेगी... आपकी सोच को वृहद करेगी... आपको ऊंचाइयों पर ले जाएगी... आप कभी किसी से कमतर महसूस नहीं करोगे, आप बजाय छिद्रान्वेषण के हर शख्सियत में अच्छाइयों को ढूंढोगे... अतः अपने आपको ज्ञान से परिपूर्ण न मानकर नित्य सीखते रहे... इसी हम सबका उद्धार हैं... यही उदाहरण बनेगा...।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
इसलिए कभी भी अपने आपको पूर्ण न माने, यकीन करिए ज्ञान की कोई सीमा नहीं हैं... आप तब तक होशियार हो जब तक सामने वाला आपसे कम होशियार हैं.. जैसे ही सामने वाला ब्रिलियंट मिल गया तो हम कम होशियार होना महसूस करेंगे, इसलिए निरन्तर सीखते जाइये... यही अधिगम आपको ऊंचाइयों पर ले जाएगा, यही ज्ञानार्जन और जिजीविषा आपके अंदर के अहम को मार देगी... अहम का मरना,व्यक्ति की सबसे बड़ी जीत होती हैं... ।
अहम की अनुपस्थिति आपको धरातल से जोड़े रखेगी, नित्य कुछ न कुछ हासिल करने हेतु प्रेरित करेगी... आपकी सोच को वृहद करेगी... आपको ऊंचाइयों पर ले जाएगी... आप कभी किसी से कमतर महसूस नहीं करोगे, आप बजाय छिद्रान्वेषण के हर शख्सियत में अच्छाइयों को ढूंढोगे... अतः अपने आपको ज्ञान से परिपूर्ण न मानकर नित्य सीखते रहे... इसी हम सबका उद्धार हैं... यही उदाहरण बनेगा...।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
एक व्यक्ति उसके अपने हालातों का उत्पाद होता है । अर्थात् व्यक्ति कैसा होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि उसके हालात कैसे रहे हैं … तो हालात ही व्यक्ति को बनाते है .. तो आज आप जो वो आपके हालातों का परिणाम है । अगर आप प्रतिकूल परिस्थितियों से निकले है तो आपका व्यक्तित्व भी दृढ़ इच्छा शक्ति और सकारात्मकता लिए हुए होगा…
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
कल सरकार ने राजस्थान शिक्षा सेवा नियमों में संशोधन कर लिया, फिर क्या हुआ कि अधिकतर स्टूडेंट्स ने हमें संदेश भेजने शुरू किए की इसका आशय क्या है , हम सभी ने हमारी समझ के अनुसार वीडियो और पोस्ट के माध्यम से जितना ज़रूरी था समझा दिया , स्टूडेंट्स ने सभी को सुन लिया और अब सब हो गये कनफ़्यूज़ , वो भी निरर्थक के , अब आगे के कई दिन इसमें ही गुजरेंगे , जबकि समझदार अभ्यर्थी अपने काम में लगा हुआ है
कन्फ्यूज़न किस बात का ?
१. मनोविज्ञान को तो पहले पेपर में रखा है मगर पैडोगोजी एंड ICT किसमें है ? तो बंधुओं किसी भी पेपर में हो , आपको तो पढ़ना ही है , फिर क्यों उलझे हो आप , और दिमाग़ पर एक्स्ट्रा बोझ क्यों बनाना ।
२. वरिष्ठ अध्यापक के दोनों पेपर में 40% लाना है या प्रत्येक में अलग अलग ? तो बंधुओं मेहनत कीजिए दोनों पेपर पर और आप इतने के योग्य तो बनने ही चाहिए , बाक़ी कुछ बातें तो विज्ञापन के साथ ही क्लियर होगी।
३. फर्स्ट पेपर अब कितने अंकों का आएगा ? ये भी महत्वपूर्ण सवाल नहीं हैं, जीतने का भी आएगा सबके समान होगा । हमें तो सिर्फ़ हमारी मेहनत करनी चाहिए वो भी संतुलित ताकि दोनों पेपर में संतुलन रखते हुए चयन हो जाएँ ।
मैं सिर्फ़ इतना ही कहूँगा कि इस अधिसूचना को साइड में रखकर सिर्फ़ तैयारी करें और संतुलित तैयारी करें , क्योंकि भर्ती पाइपलाइन में है , जब आप इस निरर्थक बहस का हिस्सा बनकर समय ख़राब कर रहे है उस समय कोई संतुलित पढ़ाई कर रहा है ।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
कन्फ्यूज़न किस बात का ?
१. मनोविज्ञान को तो पहले पेपर में रखा है मगर पैडोगोजी एंड ICT किसमें है ? तो बंधुओं किसी भी पेपर में हो , आपको तो पढ़ना ही है , फिर क्यों उलझे हो आप , और दिमाग़ पर एक्स्ट्रा बोझ क्यों बनाना ।
२. वरिष्ठ अध्यापक के दोनों पेपर में 40% लाना है या प्रत्येक में अलग अलग ? तो बंधुओं मेहनत कीजिए दोनों पेपर पर और आप इतने के योग्य तो बनने ही चाहिए , बाक़ी कुछ बातें तो विज्ञापन के साथ ही क्लियर होगी।
३. फर्स्ट पेपर अब कितने अंकों का आएगा ? ये भी महत्वपूर्ण सवाल नहीं हैं, जीतने का भी आएगा सबके समान होगा । हमें तो सिर्फ़ हमारी मेहनत करनी चाहिए वो भी संतुलित ताकि दोनों पेपर में संतुलन रखते हुए चयन हो जाएँ ।
मैं सिर्फ़ इतना ही कहूँगा कि इस अधिसूचना को साइड में रखकर सिर्फ़ तैयारी करें और संतुलित तैयारी करें , क्योंकि भर्ती पाइपलाइन में है , जब आप इस निरर्थक बहस का हिस्सा बनकर समय ख़राब कर रहे है उस समय कोई संतुलित पढ़ाई कर रहा है ।
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
सरकार ने 70K पदों पर भर्ती की घोषणाएँ की है । इस साल के मध्य भाग के बाद भर्तियाँ जारी होगी और अगले साल परीक्षाएँ होने की पूर्ण संभावनाएँ है । आप जिस भी भर्ती की तैयारी कर रहे है , उसकी अब स्पीड और बढ़ा दीजिए । आप उस ग्रुप से दूर रहना जो यह कहकर आपको डाइवर्ट करेगा की बजट घोषणा है .. पूर्ण नहीं होगी .. ये लोकसभा चुनाव के कारण है … उतर प्रदेश में भी भर्ती नहीं जारी की .. जैसे उलुलजुलूल और बेबुनियाद कुतर्क के सहारे आपको भ्रमित करते है ।
सब होगा और शानदार होगा , बस मेहनत करते रहना 🙌
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
सब होगा और शानदार होगा , बस मेहनत करते रहना 🙌
✍️ गणपत सिंह राजपुरोहित
आज एक वीडियो बनाऊँगा जिसमें बात करूँगा कि इस समय किस परीक्षा को टारगेट करें और तैयारी को कैसे प्रभावी रूप से जारी रखें । 👍
Ganpat Singh Rajpurohit pinned «https://hottg.com/history_point_official ये भी अपना है । जॉइन कर सकते है ।»
आज मेरी स्नातक अंतिम वर्ष की कक्षा को विदाई दी ❤️प्यारे बच्चों के साथ 🙌
अध्ययन में अनुशासन और समर्पण बेहद ज़रूरी होता है । अगर इसका अभाव है तो आप निश्चय ही स्वयं के साथ धोखा कर रहे है । इस विषय पर जल्द एक वीडियो अपलोड करूँगा । पढ़ते रहें 🙌
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